The smart Trick of sidh kunjika That No One is Discussing
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देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
नमः कैटभ हारिण्यै, नमस्ते महिषार्दिनि।।
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
मारणं मोहनं वश्यं स्तंभनोच्चाटनादिकम् ।
नमस्ते शुम्भ हन्त्र्यै च, निशुम्भासुर घातिनि।
यस्तु कुंजिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् ।
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।
'सुक्खू सरकार से लिखित आश्वासन मिलने तक धरना जारी', वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन की दो टूक
समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी more info की उपासना की जा सकती है. इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.